आर सी ब्यूरो। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि एक लचीली अर्थव्यवस्था के लिए निष्पक्ष ऑडिटिंग जरूरी है क्योंकि इससे नागरिकों में विश्वास पैदा होता है।
नेशनल एकेडमी ऑफ ऑडिट एंड अकाउंट्स में अधिकारियों को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि ऑडिट देश के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सार्वजनिक व्यय के फैसले इन्हीं रिपोर्टों पर आधारित होते हैं।
यह देखते हुए कि ऑडिट की गुणवत्ता और गहराई में सुधार की आवश्यकता है, उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों के ऑडिट में सुधार के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के परामर्श से कई कदम उठाए हैं।
हाल के कुछ उपायों को सूचीबद्ध करते हुए उन्होंने कहा, इस साल जनवरी में वाणिज्यिक बैंकों के लिए जोखिम आधारित आंतरिक लेखा परीक्षा प्रणाली को मजबूत किया गया था।
दास ने कहा कि आरबीआई एक लचीले वित्तीय क्षेत्र के निर्माण के लिए बैंकों, एनबीएफसी में एक मजबूत शासन ढांचे पर जोर दे रहा है।
उन्होंने कहा, "वैश्वीकरण और वित्तीय प्रणाली की बढ़ती जटिलताओं के साथ, एक अच्छी, स्थिर और जीवंत वित्तीय प्रणाली के लिए सार्वजनिक वस्तु के रूप में ऑडिट महत्वपूर्ण हो गया है।"
उन्होंने ऑडिटर समुदाय से निरंतर आधार पर कौशल को अद्यतन और उन्नत करने और अपने कार्य को सबसे प्रभावी तरीके से करने का आग्रह किया।